
रजरप्पा। रजरप्पा कोयलांचल क्षेत्र मे आध्यात्मिक गुरु संत शिरोमणि रविदास की 648 वी जयंती धूमधाम से मनाई गई। उपस्थित लोगों द्वारा संत की तस्वीर पर पुष्पसुमन अर्पित कर नमन किया। इस कार्यक्रम में काफी संख्या में महिलाओ ने माथे पर कलश यात्रा का भ्रमण किया गया । गाजे बाजे के साथ जुलुस भी निकाला गया। जुलुस को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
जहां उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए रविदास समाज के लोगों ने कहा कि संत ने समाज को एक नई दिशा दी थी। समाज की नवनिर्माण व दासता से मुक्ति दिलाई थी। जिससे आदर्शो पर हम अमल कर आगे बढ़ रहे है। मन चंगा तो कठौती में गंगा , आज भी काफी प्रासांगिक है। काशी में जन्म लेकर संत ने अपने परम्परागत कार्य को श्रद्धा व गौरव से किया। जो हमेशा से अपने जाति पर गौरव किया।
जातपात व कुरीतियों से मुक्ति दिलाने के लिए सदैव संघर्ष किया। इनके सामाजिक नवचेतना को लेकर लोगो द्वारा नीचा दिखाने का भी प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि जातपात से ऊपर उठकर समाज को एकसूत्र में लाने का कार्य किया गया। हिन्दू धर्म मे सभी जाति एक है। पृथ्वी के सभी जाति एक है।एक ही मां के सन्तान है।
संत ने कहा था कि निस्वार्थ होकर भगवान की आराधना करने पर शक्ति की प्राप्ति होती है। मां गंगे भी इनके स्वच्छ मन से किये गए प्रार्थना से प्रभावित होकर कंगन दान दिए थे। संत के विचार व आदर्श आज के समय भी काफी प्रासांगिक है। जो हमे सही पथ पर चलने की प्रेरणा देती है।