भारतीय भाषाओं को समृद्ध करने के लिए संस्कृत का ज्ञान अनिवार्य :डॉ सुनील कश्यप

रजरप्पा। सप्त दिवसीय भारतीय भाषा कैम्प में संस्कृत भाषा का अभ्यास कराते हुए गाँधी मेमोरियल जिला मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय रामगढ़ के संस्कृत विषय के सहायक शिक्षक पृथ्वीराज सिंह विद्यालय के छात्रों को संस्कृत में बातचीत करना सिखा रहे हैं। भारतीय भाषा कैम्प का उद्घाटन 16-06-25 को विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. सन्तोष कुमार अनल ने किया था।
इस भाषा कैम्प में कक्षा 6 से 9 के छात्रों ने भाग लिया है। कैम्प के तीसरे दिन भारी वर्षा के कारण 6- 8वीं के छात्रों का अवकाश होने के कारण 9 वीं के छात्रों को ही सीखने का अवसर मिल पा रहा है। आज कैम्प के चौथे दिन अहम्/भवान्/भवती, क:/का/किम् का वाक्य प्रयोग सिखाया गया।

कैम्प के प्रथम दिन संस्कृत में अपना परिचय करना सिखाया गया था जैसे – मम नाम अवधेशकुमार: (मेरा नाम अवधेश कुमार है)। भवत: नाम किम्?(पुल्लिंग वाक्य)(आपका नाम क्या है?) भवत्या: नाम किम्?(स्त्रीलिंग वाक्य)(आपका नाम क्या है?) दूसरे दिन स:/सा/तत्, एष:/एषा/एतत् , क:/का/किम् का वाक्य प्रयोग करना सिखाया गया।
तीसरे दिन पहले और दूसरे दिन के अभ्यास का ही पुनरभ्यास करवाया गया।आज चौथे दिन के कैम्प में मुख्य अभ्यागत के रूप में डॉ. सुनील कुमार कश्यप(प्रान्त के विद्यालय कार्य प्रमुख, संस्कृतभारती,झारखण्ड) ने संस्कृत भाषा की वैज्ञानिकता को समझाया और कहा कि संस्कृत भाषा के ज्ञान होने से केवल संस्कृत का ही नहीं अपितु सभी भारतीय भाषाओं का ज्ञान समृद्ध होता है।