
कई गांव के जुलूस का हुआ मिलान, झलकी झारखंड की सभ्यता व संस्कृति, जल-जंगल, जमीन की रक्षा का लिया गया संकल्प, मांदर की थाप पर थिरके सरना धर्मावावलंबी
प्रकृति के उपासना का पर्व है सरहुल : रोशन लाल चौधरी
भुरकुंडा (रामगढ़)। रिभर साईड भुरकुंडा स्थित सरना स्थल में बुधवार को केन्द्रीय मिलन सरहुल पूजा समिति के तत्वावधान में सरहुल मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष दर्शन गंझू व संचालन सचिव संतोष उरांव ने किया। महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि विधायक रोशन लाल चौधरी, मुख्य अतिथि विधायक रोशनलाल चौधरी, विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक अम्बा प्रसाद सम्मानित अतिथि प्रखंड उपप्रमुख बबीता पांडेय, सौंदा डी पीओ रामेश्वर मुंडा,
पार्षद राजाराम प्रजापति, पूर्व जिप उपाध्यक्ष मनोज राम, पूर्व पार्षद दर्शन गंझु, रामाशंकर पांडेय उर्फ नूनू पांडेय, सतीश मोहन मिश्रा, भुरकुंडा थाना प्रभारी निर्भय गुप्ता, अमरेश सिंह, पूर्व मुखिया लव कुमार महतो, कैथोलिक आश्रम के फादर बरनावस खलाखो, मदन करमाली, मुखिया अजय पासवान, चमन लाल, आदिम जनजाति प्रदेश अध्यक्ष डॉ मनोज अगड़िया, जगरनाथ पासवान, हरि शंकर चौधरी, काला बाबु, विजय राम, देवलाल मुंडा, प्रशांत कुमार, सुनील उरांव, राज करमाली, सीताराम मुंडा,

मनदीप उरांव, राजू पांडेय, जयंत तुरी, बालेश्वर बेदिया आदि अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम में अतिथियों को बैच लगाकर व पगड़ी बांधकर सम्मानित किया गया। समारोह के बाद गाजे-बाजे के साथ भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जुलूस में दर्जनों गांव के अलग-अलग टोलियां पांरपरिक वेशभूषा धारण कर मांदर की थाप पर थिरकते नजर आएं।
रीवर साईड भुरकुंडा स्थित सरना स्थल में कई गांव के जुलूस का मिलान हुआ। जहां से जुलूस गाजे-बाजे के साथ क्रमवार नाचते-गाते सयाल मोड़, पटेल नगर, पेट्रोल टंकी, भुरकुंडा बिरसा चौक, जनता टॉकीज, भुरकुंडा बाजार, थाना चौक, न्यू बैरक सरना स्थल होते हुए थाना मैदान में जुलूस का समापन हुआ।

जुलूस को लेकर जगह-जगह विभिन्न संस्थाओं द्वारा स्टॉल लगाकर चना-गुड़, ठंडा पानी, और मीठे शरबत का वितरण किया गया। इसके पूर्व पाहन देव लाल मुंडा और राजेंद्र मुंडा द्वारा सरना स्थल में झारखंडी रीति-रिवाज से मां सरना की विधिवत पूजा-अर्चना कराई गई। साथ ही लोगों को सखुआ का फूल खोसा गया।
मौके पर बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी ने कहा कि सरहुल प्रकृति के उपासना का पर्व है। इसमें झारखंड की सभ्यता व संस्कृति झलकती है। उन्होंने कहा कि सरहुल भाईचारगी और प्रेम का संदेश देता है। विधायक श्री चौधरी ने कहा कि सरहुल झारखंड की संस्कृति की पहचान है।

वहीं विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने लोगों को पेड़ों की कटाई न करते हुए अपने जीवन काल में कम से कम एक पौधा जरूर लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरहुल जल, जंगल, जमीन व संस्कृति की रक्षा का संदेश देता है। पेड़-पौधों और वनों की सुरक्षा हमसबों का दायित्व है।
दर्जनों गांव के जुलूस का न्यू बैरक में हुआ समापन
शोभा यात्रा में शामिल विभिन्न गांवों से निकले जुलूस का भुरकुंडा थाना के पीछे स्थित न्यू बैरक में समापन हुआ। शोभा यात्रा में सरहुल पूजा समिति दुंदुवा, करमाली टोला के पटेलनगर बिरसा चौक व चपरासी क्वार्टर, महुआ टोला, कैथोलिक आश्रम, न्यू बैरक, लपंगा, बिरसा नगर, कोल कंपनी, तीन नंबर झोपड़ी, रीवर साईड सहित दर्जनों गांव के जुलूस का मिलान हुआ।

शोभायात्रा कार्यक्रम को सफल बनाने में इनका रहा योगदान
शोभायात्रा कार्यक्रम को सफल बनाने में पूजा समिति के अध्यक्ष अध्यक्षत दर्शन गंझू, सचिव संतोष उरांव, कोषाध्यक्ष देव कुमार बेदिया, संरक्षक पत्रिक मिंज, रवि उरांव, संजय लिंडा, संतोष करमाली, अनिल एक्का, राजकुमार गौंड, कार्यकारी उपाध्यक्ष मिथलेश टुडू, रितिक भोक्ता, उपाध्यक्ष राज करमाली, अखिलेश टोप्पो, तारनी बेदिया, मनोज करमाली, धनीराम मांझी,

सह सचिव मिन्टू मुण्डा, बिनोद बेदिया, रोशन करमाली, सरिता टोप्पो, संतोष उरांव, रेणुका खलखो, सभठन सचिव किशुन नायक, सह संगठन सचिव सुरज करमाली, पाहन राजेन्द्र मुण्डा, रासेल तिग्गा, राजेन्द्र बेदिया, आशीष उरांव, कार्यालय सचिव गोविन्द बड़ाईक, प्रवक्ता सन्नी बेसरा सहित कार्यसमिति सदस्य पाहन महादेव बेदिया, बरतु उरांव, कजरू गंझू, सुरेश रजवार,
विजय मुंडा, रावेल एक्का, इमीलाल मांझी, हरिशंकर चौधरी, आजाद भुईयां, पिन्टु मुण्डा, सेरोफिना एक्का, संतोष मांझी, सामु मुण्डा, ज्योसफिन डिक्रुज, मार्गेट खलखो, मीना देवी, उमेश मुण्डा, शिवशंकर भुंइया, बागेश करमाली, राहुल करमाली, गणेश बेदिया, संजय करमाली, प्रेमी सलोनी तिर्की, राजेन्द्र करमाली, रूपन देवी, मनोज मुंडा, संजय करमाली, दीपक बेदिया, अर्जुन, लालु आदि का सराहनीय योगदान रहा।

शोभा यात्रा में ये थें शामिल
दोतल्ला पंचायत की मुखिया सत्यंवती देवी, पूर्व मुखिया लव कुमार महतो, उपमुखिया प्रशांत कुमार, करमाली टोला सरना पूजा के संस्थापक विक्रम करमाली, राजन करमाली, अध्यक्ष बालेश्वर बेदिया, पूर्व मुखिया रामदास बेदिया, पूर्व पार्षउ झरी मुंडा,
शशि करमाली, श्रीनाथ करमाली, विक्की करमाली, अरूण करमाली, पृथ्वीराज करमाली, गणेश करमाली, राजेश करमाली, छोटा राजन, रंजीता करमाली, अंजू देवी, सुरज करमाली, जलेश करमाली, रीना करमाली, सोनी करमाली, अनु करमाली, शीला देवी, सुमंत करमाली सहित सैंकड़ों सरना धर्मावावलंबी शामिल हुए।