झारखण्डधर्म-कर्म

चपरी में प्राकृतिक पर्व सरहुल पूजा मांदर की थाप पर हर्षोउल्लास के साथ मना, 35 मुर्गों की दी गई बली

पहानो ने घड़े में जल देखकर अच्छी वर्षा का दिया संकेत, लोगों में हर्ष

रिपोर्ट एस कुमार

सिरका। मांडू के गांव चपरी में प्राकृतिक पर्व सरहुल पूजा के शुभ अवसर पर सरना स्थल में धूमधाम के साथ पूजा अर्चना की गई. पूजा सखुआ वृक्ष के नीचे पहान लालदेव बेदिया, पहान कामेश्वर बेदिया, गोड़ाईत सरजू बेदिया, फूलसुसारी राजू बेदिया ने पूरे विधि विधान के साथ करवाई. 35 मुर्गो की बलि दी गई. सखुआ के फूल कानों में खोसे गए.

घड़े में रखा पानी देखकर इस वर्ष संतुलित वर्ष का अनुमान लगाया गया. सभी ने एक दूसरे को मांदर की थाप पर नाचते झूलते हुए सरहुल पूजा की शुभकामनाएं दिया. साथ ही प्राकृतिक रक्षा का संकल्प लिया। इस दौरान समाजसेवी धनेलाल बेदिया, शिवदेव बेदिया ने एक साथ बताया कि चपरी गांव का सरना स्थल काफी पुराना है.

ग्रामीणों की आस्था यहां से जुड़ी है. प्राकृतिक संतुलन के लिए प्रतिवर्ष पूजा पाठ किया जाता है. हालांकि प्रत्येक सप्ताह भी पूजन होता है. पेड़-पौधे के बचाव के लिए हम सभी निरंतर कार्य कर रहे हैं. कोलयरी क्षेत्र विस्तार भी होने की संभावना है. यदि पेड़ों का अभाव होता है. तो समाज लगातार पौधे लगाने और इसे बचाने के लिए कार्य करते रहेगी।

मौके पर चपरी पूजा सरहुल सरना समिति के अध्यक्ष सूरज बेदिया, सचिव सिद्धार्थ बेदिया कोषाध्यक्ष ललित बेदिया, समाजसेवी धनेलाल बेदिया, शिवदेव बेदिया, परमेश्वर बेदिया, राजू बेदिया, ओमप्रकाश बेदिया, शंकर बेदिया, नेहा देवी, सरिता देवी, खुशबू देवी, राजेंद्र बेदिया, बिरसा बेदिया, पियूष बेदिया, कौशल्या देवी, पूजा देवी, रीता देवी, रीना देवी, किरण देवी, संगीता देवी, बैजंती देवी, शीला देवी, मालती देवी समेत दर्जनों ग्रामीण महिला पुरुष बच्चे उपस्थित थे।

G. Reddy

जी रेड्डी एक अनुभवी पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और सटीक रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। वे "समाचार संध्या" नामक वेब पोर्टल संचालित करते हैं, जो समसामयिक घटनाओं पर गहरी विश्लेषणात्मक रिपोर्टिंग करता है। उनका उद्देश्य समाज को सही और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना है।

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