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जुबिली कॉलेज भुरकुंडा में धूमधाम से मनी संत शिरोमणि रविदास जी की 648वीं जयंती

बताये मार्ग पर चलने का हुआ आह्वान

कर्म, भक्ति और अध्यात्म ज्ञान के प्रतिमूर्ति थे संत शिरोमणि रविदास : डॉ. एके एस झा

भुरकुंडा (रामगढ़)। जुबिली कॉलेज भुरकुंडा में बुधवार को संत शिरोमणि रविदास जी की 648वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। इसकी अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. एके एस झा और संचालन वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर सह एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी अर्जुन कुमार मिश्रा ने ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत संत रविदास जी के तस्वीर पर दीप प्रज्वलित एवं पुष्प अर्पित कर की गई।

इस अवसर पर तमाम शिक्षकों, विद्यार्थियों और स्वयंसेवकों ने बारी-बारी से संत रैदास जी के तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया सामूहिक रूप से कॉलेज में शांति, समृद्धि के लिए अरदास किया। किया विषय प्रवेश कराते हुए कार्यक्रम पदाधिकारी अर्जुन कुमार मिश्रा ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास ने मध्यकालीन भारत के महान संत के रूप में प्रकट हुए।

वर्तमान में भी उनकी युक्ति मन चंगा तो कठौती में गंगा सार्थक प्रलक्षित बनारस और प्रयागराज महाकुंभ में दिखाई दे रहा है। हिंदी विभागाध्यक्ष सह एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. विशेश्वर रविदास ने मंगलाचरण पाठ किया और परमपिता परमात्मा संत रविदास जी से आराधना की। उन्होंने कहा कि सभी मानव जाति एक ही तत्व के बने हैं।

कोई दुखी ना हो सभी का कल्याण हो। अध्यक्षीय भाषण देते हुए प्राचार्य डॉ. अरूण कुमार सिंह झा ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी भक्ति और कर्म के योग से जाति और धर्म से ऊपर उठकर एक प्रमुख समाज सुधारक के रूप में प्रकट हुए। वर्तमान में हम सभी को उनसे सीख लेनी चाहिए की भक्ति और कर्म में मन चंगा करके शुद्ध विचार से घर-परिवार, समाज, राज्य, देश व संस्था में कार्य संपन्न करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी कर्म, भक्ति और अध्यात्म ज्ञान के प्रतिमूर्ति थे। उन्होने भारत में जिस सामाजिक परिदृश्य एवं मानवीय मूल्यो की परिकल्पना की थी वह वर्तमान भारत में ‘महाकुंभ’ के रूप मंे दृष्टिगोचर हो रहा है। धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए

भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. एसपी पांडेय ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी ने बाह्य आडंबरों रहित और मानवीय गुण शुद्ध मन, पवित्र विचार, सुंदर व्यवहार को जीवन में गुरु के आदेशानुसार काम करते हुए भक्ति के साथ समाज, देश और विदेशों में भी उनकी महिमा का गुणगान सदियों से चलता चला आ रहा है।

कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो. राजेश कुमार, प्रो. टीके झा, प्रो. बालकृष्णा, डॉ. एसपी दांगी, डॉ. बालमुकुंद, डॉ. गोपाल विश्वकर्मा, प्रो. सुनील कुमार, प्रो. मनोज कुमार, डॉ. मिथिलेश कुमार, सुशील, महावीर, दीपक, गायत्री, नारायण, सोमनाथ, कृष्णा, रामदेव केसरी, अमित, रूपा, पारो, संध्या, सनी, रामदेव सहित छात्र-छात्राओं और दर्जनों स्वयंसेवकों का विशेष योगदान रहा।

G. Reddy

जी रेड्डी एक अनुभवी पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और सटीक रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। वे "समाचार संध्या" नामक वेब पोर्टल संचालित करते हैं, जो समसामयिक घटनाओं पर गहरी विश्लेषणात्मक रिपोर्टिंग करता है। उनका उद्देश्य समाज को सही और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना है।

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