
शिक्षण-अधिगम सामग्री बनाने, स्कूल पूर्व शिक्षा प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा का सेविकाओं को दिया गया प्रशिक्षण
भुरकुंडा (रामगढ़)। पीरामल फाउंडेशन के तत्वावधान में पतरातु प्रखंड के वर्किंग हॉल में गुरूवार को आंगनबाड़ी सेविकाओं को टीएलएम (शिक्षण-अधिगम सामग्री) बनाने, स्कूल पूर्व शिक्षा प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षकों द्वारा बताया गया कि जन्म से 8 साल तक के बच्चों की देखभाल और शिक्षा जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है।
इस दौरान बच्चों के मस्तिष्क का विकास सबसे तेज़ी से होता है और वे दुनिया से जुड़ना शुरू करते हैं। ईसीसीई से बच्चों का स्वास्थ्य और पोषण बेहतर रहता है। सीखने में सफलता मिलती है और सामाजिक-भावनात्मक विकास होता है व आर्थिक उत्पादकता बढ़ती है। इस अवसर पर टीएलएम (शिक्षण-अधिगम सामग्री) के लाभों के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। कहा गया कि यह कक्षा में पढ़ाई को रोचक बनाती है और छात्रों को उनके शैक्षिक लक्ष्यों को पाने में मदद करती है।
यह बच्चों में सीखने की रुचि पैदा करती है। यह अधिगम को वास्तविक, व्यावहारिक और मज़ेदार बनाती है। कक्षा शिक्षण में ताज़गी लाती है। यह चिंता, भय, और ऊब से छुटकारा दिलाती है और अधिगमकर्ता को अधिगम के परिणाम पाने में मदद करती है। साथ ही आंगनवाड़ी में टीएलएम की उपलब्धता बढ़ाने के लिए लो कोस्ट नो कोस्ट गतिविधियां सेविकाओं को करवाई गई।
जिससे आंगनबाड़ी में बच्चों की उपस्थिति पर सीधा प्रभाव पड़े। पीरामल फाउंडेशन की निशा वर्मा के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार गुप्ता, बाल विकास परियोजना अधिकारी अनुपमा मिंज ने भरपूर सहयोग किया। मौके पर बीडीओ मनोज कुमार गुप्ता ने संस्था को समर्थन करने का आश्वाशन दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में गांधी फेलो किशन मौर्या, प्रशिक्षक महेंद्र बेदिया, उत्तम रजवार, संतोष राय सहित पीरामल फाउंडेशन की कल्याणी राउत, अनिकेत दीवे, अनुराग सिंह आदि का विषेष योगदान रहा।