
तमार के टीमों द्वारा आदिवासी गीत व नृत्य प्रस्तुत किया गया
रिपोर्ट सज्जाद आरिफ
दुलमी । दुलमी प्रखंड के कुल्ही सरना स्थल में सरहुल पूजा का आयोजन किया गया. साथ ही मेला का भी आयोजन किया गया गया.गांव के पाहन रेंगता मुंडा,घखुल मुंडा,बृजलाल मुंडा, समीराम मुंडा के द्वारा सिंग बोंगा, जाहेर बोंगा,इकीर बोंगा का विधिवत पूजा अर्चना आदिवासी रीति रिवाज के पूजा पद्धति से किया गया. वहीं प्रसाद का वितरण भी किया गया. साथ ही मेला का आयोजन भी हुआ.
कार्यक्रम में खास मेहमान भूत पूर्व सैनिक आशाराम मुंडा, आसदिवासी युवा नेता दिनेश मुंडा, शिक्षक राजू मुंडा आदि उपस्थित थे .अतिथियों का स्वागत सरैय फूल माला पहनाकर किया गया. वहीं फीता काटकर अखाड़ा का उद्घाटन किया.तत्पश्चात अतिथियों ने कहा की सरहुल पर्व खास कर आदिवासियों की बड़ा त्योहार है,
जिसमे महिला पुरुष मिल जुल कर सखुआ फूल एक दूसरे को भेंट कर नए साल की शुभ कामनाएं देते हैं. सरहुल पूजा में जल जंगल जमीन की रक्षा होती है. इस पूजा से साल भर वर्षा होने की संकेत मिलता है. यहां भव्य रूप से शोभा यात्रा निकाली गई. और अखाड़ा में तमार व बोकारो के टीमों द्वारा आदिवासी गीत व नृत्य प्रस्तुत किया गया.
जिसका आनंद लोग दिनभर लेते रहे. कार्यक्रम को सफल बनाने में सुख देव मुंडा, बी के मुंडा,गंधारी मुंडा, किसुन मुंडा,चतुर मुंडा,जय नंदन मुंडा, संदीप मुंडा,चंद्र देव मुंडा,टहलू करमाली, भूलेश्वर मुंडा,पिंटू मुंडा, करम चंद मुंडा,संदीप कुमार मुंडा, आदि का सराहनीय योग दान रहा.मौके पर राम किसुन भोगता,देव नंदन,हरिहर,पुनीत,नागेंद्र,आशीष,चेटलाल,महेंद्र आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे ।