
जल, जंगल, जमीन व संस्कृति की रक्षा का लिया गया संकल्प, मांदर की थाप पर थिरके लोग, भक्ति की बही बयार
प्रकृति के उपासना का पर्व है सरहुल : रोशन लाल चौधरी
भुरकुंडा (रामगढ़)। आदिवासियों के महापर्व सरहुल के अवसर पर गेगदा गांव के मुड़कट्टी सरहुल टोंगरी मंे गुरूवार को सरहुल पूजा सह मिलन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि धर्मगुरु राजेश लिंडा, विधायक रोशनलाल चौधरी, सहित राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज मुंडा, समाजसेवी नीरज भागता, इंस्पेक्टर मनदीप उरांव, पार्षद राजाराम प्रजापति, पूर्व लिप उपाध्यक्ष मनोज राम, बलकुदरा मुखिया विजय मुंडा, मुखिया किरण यादव, पूर्व मुखिया शिवप्रसाद मुंडा, लालदेव भगत,
धनेश्वर मुंडा, लखन मुंडा, राजू मुंडा सहित दर्जनों लोग मौजूद थें। सर्वप्रथम पाहन ने सरहुल टोंगरी अखाड़ा में पूजा-अर्चना अनादि विनती कर क्षेत्रवासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। साथ ही जल, जंगल, जमीन और झारखंडी सस्कृति की रक्षा का सामुहिक रूप से संकल्प लिया गया।

समारोह में पतरातू प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों के 30 गांव के सरना धर्मावावलंबी पारंपरिक वेशभूषा और कला-संस्कृति के साथ शामिल हुए। इस अवसर पर सभी ने बारी-बारी से सरहुल टोंगरी अखाड़ा में अपनी वेशभूषा ढोल-नगाड़ों के साथ संस्कृति गीत और सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत कर सबों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में अतिथियों के द्वारा सभी खोड़हा मंडली को अपने कला और संस्कृति का प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि धर्मगुरु राजेश लिंडा ने लोगों को पेड़ों की कटाई न करते हुए अपने जीवन काल में कम से कम एक पौधा जरूर लगाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि सरहुल जल, जंगल, जमीन व संस्कृति की रक्षा का संदेश देता है। पेड़-पौधों और वनों की सुरक्षा हमसबों का दायित्व है। विधायक रोशन लाल चौधरी ने कहा कि सरहुल प्रकृति के उपासना का पर्व है। इसमें झारखंड की सभ्यता व संस्कृति झलकती है। उन्होंने कहा कि सरहुल भाईचारगी और प्रेम का संदेश देता है।
विधायक श्री चौधरी ने कहा कि सरहुल झारखंड की संस्कृति की पहचान है, इसे संजाये रखना हमसभी का दायित्व है। समारोह को सफल बनाने में कार्यक्रम के अध्यक्ष संदीप उरांव, सचिव सुभाष उरांव, कोषाध्यक्ष-जटलू उरांव, मुख्य संरक्षक छोटेलाल करमाली, राजेंद्र तिग्गा, प्रो. सत्यनारायण उरांव, बिरसा उरांव, डॉ. सविंदर कश्यप, संजय उरांव, विकाश कच्छप, भूषण उरांव,
उपाध्यक्ष गुड्डू करमाली, शत्रुंजय मुंडा, सुनील मुंडा सहित भरत लिंडा, सुशील उरांव, जगरनाथ उरांव,, विनोद उरांव, आदित्य केरकेटा, सुनील उरांव, संतोष उरांव, विपिन उरांव, विकास उरांव, बशंत किसपोटा, निखिल लिंडा, भोला उरांव, विकास महतो, सत्येंद्र महतो, कामेश्वर महतो, सुनील उरांव, मुकेश उरांव, उमेश उरांव,, विशाल उरांव, अजित उरांव, बिरजू उरांव, उदय उरांव, सुशीला उरांव, करमी उरांव, सावित्री उरांव, बिरसी उरांव, शंकर उरांव आदि का विशेष योगदान रहा।