
रजरप्पा। गोला प्रखंड अंतर्गत बंदा पंचायत स्थित मुरपा गांव में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय वर्षों से संचालित है। जहां प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों की सैकड़ों बालिकाएं विद्यालय में अध्यनरत है। गत रविवार को छात्राओं को खाना नहीं मिलने से नाराजगी जताई और नाराज बालिकाओं ने विद्यालय छोड़कर अपने अपने घर के लिए पैदल ही निकल गई। इसकी जानकारी जब वार्डन रीना चौधरी को मिली तो देखा की एक भी बच्चियां विद्यालय परिसर में नहीं है।
आनन -फानन में जब वार्डन बच्चियों को खोजने के लिए निकलीं तो विद्यालय से दो किमी की दूरी पर गोला रजरप्पा मार्ग के जोभिया गांव के समीप जंगल तक सभी बच्चियां एक एक टुकड़ी बनाकर पहुंच चुकीं थीं। बच्चियों को एक साथ देख आसपास के ग्रामीण ने बच्चियों से पुछ ताछ किया गया। सभी छात्राओं ने एक स्वर में कहा कि खाना नहीं देने का कारण सभी लोग अपने घर जा रहे हैं, तथा बालिकाओं ने आरोप वार्डन पर लगाया ।
बच्चियां घर जाने के लिए गाड़ी का इंतजार कर ही रहीं थी कि मुरपा गांव निवासी एक समाजसेवी बच्चियों को देख अपनी वाहन को खड़ी कर जानकारी ली। जानकारी लेने के दौरान बच्चियों ने बताया कि हमलोगों को खाना नहीं दिया गया है। जिस कारण हमलोग विद्यालय छोड़कर घर जा रहे हैं। इधर पास पड़ोस के स्थानीय ग्रामीण एवं वार्डन के द्वारा छात्राओं को समझा बूझकर वापस हॉस्टल पहुंचाया गया। इधर वार्डन ने छात्राओं को खाना नहीं मिलने के बात को कोई इनकार किया है।