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दिझाकोमयू का सयाल डी परियोजना कार्यालय के समझ एक दिवसीय धरना सह आमसभा संपन्न

सयाल डी पीओ को सौंपा 21 सूत्री मांग-पत्र

सयाल डी परियोजना के अस्पताल को पुनः हॉस्पिटल का दर्जा दिया जाए : त्रिलोकी नाथ सिन्हा

भुरकुंडा (रामगढ़)। 21 सूत्री मांगों को लेकर दि झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन द्वारा सोमवार को सयाल डी परियोजना कार्यालय के समझ एक दिवसीय धरना सह आमसभा का आयोजन किया। इसकी अध्यक्षता दिझाकोयू के शाखा अध्यक्ष युसूफ खान एवं संचालन शाखा सचिव त्रिलोकी नाथ सिन्हा ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि यूनियन के सीसीएल उपाध्यक्ष बीपी लाल, यूनियन के सहसचिव अवधेश कुमार, विशिष्ट अतिथि यूनियन के बरका-सयाल क्षेत्रीय सचिव अनिल कुमार सिंह उपस्थित थे। आमसभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मजदूरों एवं विस्थापितों के समस्याओं को लेकर सीसीएल प्रबंधन गंभीर नहीं है। मजदूरों एवं विस्थापितों के साथ भेद-भाव एवं उपेक्षा पुर्ण-निति के कारण मजदूरों एवं विस्थापितों में भारी आक्रोष का माहौल है।

जो भविष्य में ओद्योगिक अशांति का कारण बन सकता है। आमसभा के बाद सयाल शाखा की ओर से सयाल डी परियोजना पदाधिकारी को 21 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। मांग-पत्र में परियोजना के आवागमन रास्ते पर धुल-प्रदूषण से बचाव को ले तीनों समय पानी का छिड़काव करने, सभी माईनस क्वाटरों में लैट्रीन चेम्बर के टुटे पाईप को लैटरिंग चेम्बर तक बदलने एवं मरम्मत करने,

ट्रांस्पोर्टिंग रोड भानू कॉलोनी पुल से लेकर पोड़ागेट एवं टिपला तक जगह-जगह पर स्पीड ब्रेकर का निर्माण करने, परियोजना के सभी कॉलोनियों में सड़े-गले सप्लाई पाईप को बदलने व समुचित पेयजल की व्यवस्था करने, परियोजना के कॉलोनियों के जर्जर सड़कों की मरम्मत कराने, सयाल डी परियोजना में कभी आदर्श क्षेत्रिय चिकित्सालय हुआ करती थी। जिसे आज सिर्फ डिस्पेन्सरी की रुप दी गई है

उसे दुरूस्त कर फस्ट ऐड किट, दवा एवं ड्रेसिंग की समुचित व्यवस्था करने सहित 21 मांगे शामिल हैं। पत्र के अंत में कहा गया है कि प्रबंधन 15 दिनों के अन्दर वार्ता कर समस्याओं का निदान करें अन्यथा हमारी यूनियन चरणवद्ध आन्दोलन करने को बाध्य होगी। जिसकी सारी जवाबदेही प्रबंधन की होगी।

मौके पर राजेंद्र प्रसाद, नीरज कुमार, विद्यासागर पासवान, राजेंद्र यादव, प्रमोद राय, राज वर्मा, काजल कौर, नीलम चौहान, सुजीत चौहान, अनिल कुमार, प्रयाग महतो, ईश्वरी महतो, छोटू गोस्वामी, रामवृक्ष भुंइया, अमन कुमार, ओम सिंह, बंटी सिंह, नीरज कुमार आदि उपस्थित थे।

दिझाकोमयू 21 सूत्री मांगों में ये है शामिल
दिझाकोमयू के 21 सूत्री मांगों में परियोजना के विभिन्न विभागों में कार्यरत वैसे श्रमिक जो कई वर्षों से कैट-1 के पद पर कार्यरत है, उन्हें अविलम्ब पद्दोन्नति देने, परियोजना के विभिन विभागों में कार्यरत वैसे श्रमिक जो कैट-1 है, परियोजना प्रबन्धन के आदेश से विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न पदों पर सेवा दे रहे है. वैसे श्रमिकों को कार्य अवधि से पद अनुमति देते हुए उसी पद पर पदस्थापित करने, परियोजना के सभी विभागों में कार्यरत वैसे श्रमिक जो शारिरीक रुप से सक्षम नहीं हैं

या लम्बे समय से किसी बिमारी से ग्रस्ति हैं जो कार्य करने में सक्षम नहीं हैं वैसे श्रमिकों के आश्रितों को 9.4.0 स्कीम के तहत नौकरी पूर्व की भांति देने एवं 10 वर्ष से उपर कार्यरत महिला कर्मचारी अपने संतान को नौकरी दे सके उसकी व्यवस्था करने, परियोजना में विभिन्न विभागों में कार्यरत आउट सोर्सिंग मजदूरों को हाई पावर कमिटी द्वारा निर्धारित वेतन मान का भुगतान सुनिश्चित करने, चिकित्सा, शिक्षा, पीएफ, बोनस व दुर्घटना मुआवजा राशि आदि की सुविधा देने,

परियोजना में 4 श्रम कोड और प्रस्तावति मॉडल स्टेन्डिंग आर्डर पर अविलम्ब रोक लगाने, कोल इंडिया के सीबीओ गाईड लाईन के अनुसार परियोजना के विभिन्न विभागों में संवेदनशील एवं अतिसंवदेनशील पदों पर एक ही स्थान पर विगत कई वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों का स्थानांतरण यथाशिघ्र करने, परियोजना में मजदूरों के हुए समपन्न 11वीं कोयला वेतन समझौता को लागू करने, . परियोजना के कोलियरी से हुए

विस्थापितों को कोल इंडिया पुर्नवास निति के तहत नियोजन एवं पुर्नवास अधिनियम 2013 के तहत चार गुना मुआवजा 25 डीसमिल भूमि पर निर्मित पक्का मकान आवंटित करने, परियोजना अन्तर्गत खाली पड़े आवास में से एक क्वार्टर दी झारखण्ड कोलियरी मजदूर यूनियन शाखा कार्यालय के नाम से आवंटित करने, परियोजना में चल रहे आउट सोर्सिंग में लगी कम्पनियों के प्रतिनिधियों को एजेन्डा वार्ता बैठक में उपस्थिति सुनिश्चित करने,

ताकि यूनियन यह जान सके कि आउट सोर्सिंम में कार्य कर रहे श्रमिकों को क्या सुविधाएं दी जा रही है, श्रमिकों को कितना वेतन दिया जाता है, उनसे कितने घंटे कार्य लिया जाता है, सुरक्षा की कितनी सुविधाएँ दी जा रही है, कितने विस्थापित, कितने कम्पनी के श्रमिक एवं कितने स्थानीय और कितने बाहरी श्रमिक कार्यरत हैं, श्रमिकों की कुल संख्या क्या है, परियोजना के अंधेरे पड़े कॉलोनियों में स्ट्रीट लाईट लगाने एवं मजदूरों के क्वाटरों में जर्जर वाईरिंग की नवीकरण करने व परियोजना के कॉलोनियों में जर्जर पोल एवं बिजली के तारों को अविलम्ब बदलने,

परियोजना के उन आवासों में जिनमे कायाकल्प योजना के तहत मरम्मत कार्य नहीं हो पाया है, उन आवासों में अविलम्ब मरम्मत का कार्य कराने, सयाल उच्च विद्यालय 10$2 में बिजली एवं पानी की व्यवस्था करने ताकि विद्यालय में स्मार्ट कक्षाएं चल सके, सलाना मेन्टेनेन्स का कार्य यूनियन की देख-रेख में कराना सुनिश्चित करने ताकि ठेकेदारों द्वारा मेन्टेनेन्स कार्य सही रुप से हो सके शामिल हैं।

G. Reddy

जी रेड्डी एक अनुभवी पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और सटीक रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। वे "समाचार संध्या" नामक वेब पोर्टल संचालित करते हैं, जो समसामयिक घटनाओं पर गहरी विश्लेषणात्मक रिपोर्टिंग करता है। उनका उद्देश्य समाज को सही और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करना है।

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