
रजरप्पा। रामगढ़ जिला के राधा गोविन्द विश्वविद्यालय रामगढ़ के तत्वाधान में खोरठा भाषा विभाग के द्वारा अंतराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस सह सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति डॉ रश्मि ने की।
कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो डॉ रश्मि , कुलसचिव डॉ निर्मल कुमार मंडल , परीक्षा नियंत्रक डॉ अशोक कुमार महतो ,रांची विश्वविद्यालय के पूर्व प्रध्यापक डॉ बी एन ओहदार , शिक्षाविद बासुदेव महतो , समाजसेवी डॉ डी सी राम , खोरठा विभाग के विभागाध्य अनाम ओहदार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

इसके उपरांत खोरठा विभाग की ओर से सभी अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष ओहदार अनाम के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कुलसचिव निर्मल कुमार मंडल के स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने संबोधन में कि इस तरह के आयोजन से लोगों को अपनी मातृभाषा के प्रति लगाव बढ़ेगा। विश्वविद्यालय के माननीय कुलाधिपति श्री बी. एन. साह ने अंतराष्ट्रीय मातृभाषा की हार्दिक शुभ कामनाएं दी
और कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस हमें अपनी मातृभाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और विकास के प्रति जागरूक करता है। प्रभारी कुलपति डॉ रश्मि ने संबोधन में बताया कि आज का दिन मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा को बढ़ाव देने के महत्व को बताता है।

कार्यक्रम का संचालन खोरठा विभाग के विभागाध्य ओहदार अनाम ने किया और अपने संबोधित में कहा कि मातृभाषा हमारी सांस्कृतिक पहचान का एक अभिन्न हिस्सा है व मातृभाषा में शिक्षा बच्चों के सीखने और विकास के लिए अत्याधिक प्रभावी होती है। धन्यवाद ज्ञापन डॉ परीक्षा नियंत्रक डॉ अशोक कुमार ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सचिव महोदया सुश्री प्रियंका कुमारी, वित एवं लेखा पदाधिकारी डॉ संजय कुमार, प्रबंध समिति के सदस्य अजय कुमार, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, व्याख्यातागण , एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए खोरठा साहित्य संस्कृति के निदेशक डॉ बी. एन.ओहदार ने कहा कि मातृभाषा और संस्कृति ही हमारी पहचान है। संस्कृति को बचाने के लिए मातृभाषा को बचाना जरूरी है। डॉ डी. सी. राम ने संबोधन करते हुए कहा कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली में भी मातृभाषा का अपना महत्व है।
चित्तरंजन महतो ‘चित्रा’ को मिला गोविन्द महतो ‘जंगली’ स्मृति सम्मान .जिनगिक टोह, छाँहईर,और महराई लोकगाथा के लेखक हैं चित्रा। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर सम्मान समारोह का भी आयोजन किया गया । जिसमें खोरठा भाषा के वयोवृद्ध साहित्यकार ,कथाकार उपन्यासकार चितरंजन महतो ‘चित्रा’ को गोविन्द महतो ‘जंगली’ स्मृति साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया।
‘ चित्रा’ रांची विश्वविद्यालय के खोरठा के पहले प्रध्यापक हैं , जिन्होंने अस्सी के दशक में अपनी मातृभाषा खोरठा में जिनगिक टोह उपन्यास लिखकर तहलका मचाया था। खोरठा गीतों से सराबोर रहा महफिल खोरठा विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न खोरठा लोकगीतों से सराबोर रहा । खोरठा विभाग के छात्राओं द्वारा लोकगीतों की प्रस्तुति की गई उसके बाद हेमली ग्रुप के कलाकारों ने एक से एक झूमर गीत गाकर सभी को झूमाया ।