
विस्थापितों के साथ न्याय की मांग की
भुरकुंडा (रामगढ़)। समाजसेवी एवं विस्थापितों के प्रतिनिधि रामेश्वर गोप ने पतरातु सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (पीयूवीएनएल-एनटीपीसी) द्वारा अपने सीएसआर (कॉर्पाेरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) गतिविधियों में भेदभाव बरते जाने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा है कि प्रबंधन ने लबगा गांव को जानबूझकर सभी विकास योजनाओं से अलग रखा है।
रामेश्वर गोप ने सवाल उठाया कि प्लांट के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए कौन सा मापदंड अपनाया जा रहा है। क्या एनटीपीसी बिना पानी के प्लांट चला सकता है। जब प्लांट से निकलने वाले धुएं और प्रदूषण का असर सभी गांवों पर पड़ता है, तो फिर सीएसआर योजनाओं का लाभ भी सभी को समान रूप से क्यों नहीं मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हाल ही में एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा आयोजित फुटबॉल टूर्नामेंट में भी लबगा गांव को भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई। यह निर्णय पूरी तरह से अनुचित और अन्यायपूर्ण है। उन्होंने लबगा गांव को सीएसआर योजनाओं में शामिल करने, गांव की बुनियादी जरूरतों (पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार) को प्राथमिकता देने,
एनटीपीसी प्रबंधन से इस भेदभावपूर्ण नीति को समाप्त करने और इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यदि हमारी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो हम लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिसकी सारी जवाबदेही प्रबंधन की होगी। इधर मामले पर एनटीपीसी प्रबंधन से वार्ता करने का प्रयास किया गया लेकिन नहीं हो सका।