
26 फ़रवरी को महाशिवरात्रि- महापर्व पर जुटेंगे हज़ारों श्रद्धालुगण
रजरप्पा। उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध सिद्धपीठ स्थल रजरप्पा मंदिर प्रांगण में है 21 फीट का विशाल शिवलिंग विराजमान है प्रत्येक वर्ष शिव रात्रि पूजा के पावन अवसर पर महाशिवरात्रि मे देश प्रदेश से हजारों श्रद्धालु पूजा अर्चना करेंगे, भोलेनाथ से अपनी कामना हेतू वेलपत्र, धथुरा भाँग गांजा सहित कई तरह के पूजन सामग्री का चढ़ावा करेंगे शिव लिंग का दुग्धभिषेक एवं रुद्राभिषेक किया जाएगा,
विधि विधान से शिवभक्तों द्वारा पूजा अर्चना किया जाएगा, महाशिवरात्रि सबसे खास पर्व में से एक माना जाता है. इस बार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 27 फरवरी 2025 को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी।

उदया तिथि के आधार पर 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। रजरप्पा मंदिर सहित क्षेत्र के विभिन्न गांवों में महाशिवरात्रि की तैयारी में लोग जुटे है। रजरप्पा आवासीय कॉलोनी स्थित शिवालय मन्दिर, सोढ,लोधमाँ बारलोंग,चितरपुर,बड़कीपोना, छोटकीपोना,मरगमर्चा,कुंदरूकलां, गांवों के शिव मंदिरों का रंग रोगन व सजाने-संवारने का कार्य पूर्ण हो गया है.विभिन्न शिवालयों को सजाया गया है, बिजली की रंग विरंगी रोशनी से चकाचौध किया गया है

महाशिवरात्रि को लेकर
कही कही झांकी निकाली जाएगी तो कही शिवपार्वती की बारात निकलने की तैयारी किया जा रहा है. वही रजरप्पा मंदिर प्रक्षेत्र में 20 फीट का शिवलिंग अपने आप में अद्भुत है। स्थानीय पुजारी छोटू पंडा के अनुसार, इतना बड़ा शिवलिंग पूरे देश में नहीं है।
बगोदर के हरिहर धाम में शिवलिंग के आकार का मंदिर बना हुआ है। परंतु सबसे बढ़ा शिवलिंग रजरप्पा में है। शिवलिंग का पंचोपचार पूजन और रात्रि जागरण विशेष फलदायी होता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना कई गुना अधिक फल देती है।
महाशिवरात्रि का महत्वः मान्यता है मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और महाशिवरात्रि के दिन मां पार्वती की तपस्या सफल हुई थी और उनका विवाह भगवान शिव के साथ संपन्न हुआ था। इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि का व्रत रखती है।